Monday 14 September 2020

हिंदी दिवस की शुभकामनाएं 💓🙏

 

  हिन्दी दिवस

जो सबकी राष्ट्र भाषा है, वह हिंदी प्यारी भाषा है।
                                      हिन्दी का सम्मान करें हम,
                                      दुनिया में इसका नाम करें हम,
                                       नाज भी इस पर कर ले हम,
                                       प्रेम भी इससे कर ले हम,
पहचान मेरी ये भाषा है, वह हिंदी प्यारी भाषा है।
                                    वैसे सभी भाषाओं का,
                                     अपना अपना ग्यान है,
                                     कैसे लेकिन हम ये भूलें,
                                     हिन्दी हमारी जान है,
अभिमान मेरा ये भाषा है, वह हिंदी प्यारी भाषा है।
                                      हर हिन्दुस्तानी को अब,
                                      अपना कर्ज चुकाना है,
                                      जैसे हो हर हाल में हो,
                                      इसका मान बढाना है,
संस्कार मेरे ये भाषा है, वह हिंदी प्यारी भाषा है।
                                       आओ मिलकर प्रण ये कर ले,     
                                        अपनी भाषा में खुद को रंग ले
                                        मान हमेशा इस पर कर ले ,
                                        बात हमेशा इससे कर ले,
अपनेपन का भाव ये भाषा है, वह हिंदी प्यारी भाषा है।
                                    
                                

Thursday 3 September 2020

बदलाव


 एक सुनहरा मौका उन लोगों के लिए जो समाज के लिए निस्वार्थ सेवा करना चाहते हैं और बच्चों को भी सिखाना चाहते हैं। जो भी आगे आना चाहते हैं आइए ये मेरा इंडिया उनका  करता है। 

Friday 24 July 2020


मैं पूनम मलिक पिछले दस वर्षों से हिंदी पढा रही हूँ और कोई भी कक्षा कोई भी बोर्ड। आज ICSE हिंदी के पहले पाठ की कहानी सुनाई है। एक-एक करके सभी पाठों की कहानी सुनाऊंगी। फिर उस पाठ के परशन उत्तर पात्रो के चरित्र-चित्रण आदि का भी वर्णन करूँगी। 

Thursday 23 July 2020

My hindi teaching app

Congratulations, your course Hindi language classes using best learning methods. is now live. Start inviting your students & start sharing in your network using your referral link. https://www.bloomclass.com/courses/hindi-language-classes-using-best-learning-methods?ys_t_rc=f13d4db1
सभी पाठकों से अनुरोध है कि एक बार  इस एप के साथ जरूर जुड़कर देखें। आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। यह अभिभावको विद्यार्थियो और शिक्षको सभी के लिए अच्छा मंच है। 

Friday 26 June 2020

छात्र, छात्राओं को राहत

आई.सी.एस-सी, आई .एस.सी.,सी. बी .एस-सी .दसवीं और बारहवीं कक्षा की जो परीक्षाएं कोरोना के कारण नहीं हो पाई थी। उन्हे रद्द करने का फैसला लिया गया है जो कि बिल्कुल सही है। 
सरकार के फैसले का सम्मान करना चाहिए और अपनी ओर से सहयोग भी देना चाहिए। 
कोरोना वायरस का खतरा कम नहीं हुआ है। 
शायद बढता जा रहा है। 


Wednesday 24 June 2020

चीनी सामान का बहिष्कार


चीन की सीमा पर बदल रही परिस्थितिगतता का विषय तो है। पर अपनी सेना की क्षमता पर भी पूरा भरोसा है। मेरा मत है कि हम सीमा पर चलते लङ तो नहीं कर सकते। पर चीनी सामान का बहिष्कार भी हमारी इस युद्ध में साझेदारी होगी। ऐसा मेरा विश्वास है। 


इस लोकतंत्र देश में सबको अपने अनुसार जीने की आजादी है 
पर फिर भी हम कभी-कभी दूसरों की बात पर गौर करते हैं तो 
अपनी सोच बदल देते हैं। मेरा मानना ​​है तो यह है कि हमें अपने देश के लिए इतना तो करना ही चाहिए। इसका प्रभाव हमारे देश के व्यापार पर भी अच्छा ही पड़ेगा 
वह होगा। मेरा भारत महान। जयहिन्द 


Sunday 14 June 2020

चीन की नापाक हरकत


देश की सीमा पर ल की रही जवानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और जिन जवानों ने देश के लिए अपनी जान गंवा दी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। भगवान उनके परिवार जनों को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करते हैं। आज पूरा देश उनके साथ ख्या है। ऐसा मौका हर किसी को नहीं मिलता। धन्य हैं वे माता-पिता जो अपने बच्चों को देश की सीमा पर भेज देते हैं। यह भी पता है कि

 पता नहीं वे वापस लौट कर आएँगे भी या नहीं। 
जय जवान जय किसान। 

छोटे बच्चों के माता-पिता जरूर देखें ये


बात चिन्ता की है पर भरोसा भी पूरा है अपने जाबांज सिपाहियों पर। उन पर भरोसा रखना, उनकी हिम्मत को बढावा देना है  ।हमारे अन्दर तो इतनी हिम्मत नहीं है कि देश के काम आ सके, उनकी हिम्मत को बढावा तो दे  सकते हैं। 
सभी से अनुरोध है कि सीीमा पर लङ रहे जवानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त वयक्त  करते  रहें। उनकेसम्मान में कविता  लिखेें। जो भी शब्द लिख सकते हैं लििखे।उनके सममाान में एक बार सैैैलयूट जरूर करें। 

वन्दे मातरम 🇮🇳

Thursday 11 June 2020

Monday 8 June 2020















रानचो  की खोज उन्हे लद्दाख की खूबसूरत वादियों में ले जाती है। 
वहाँ उन्हें रानचो की गुमनामी का  रहस्य और क ई सवालों के जवाब मिलते हैं। फिल्म की कहानी बेतहाशा मनोरंजन  कॉमेडी ,और जिन्दगी के रहस्यों से भरी है। फिल्म की कहानी ने दर्शको के दिलों को गहराई तक छू लिया है। न जाने कितने ही लोगों के प्रिय बनकर यह फिल्म लोगों के दिलों पर राज कर रही है। 

सिनेमाकी कहानी को मनोरंजक बनाने के लिए  संगीत का भी 
प्रयोग  किया गया है। सभी कलाकारों ने बड़ी कुशलता से अभिनय किया है। इस फिल्म को क ई   पुरस्कारों  से सम्मानित किया गया है। 



Monday 18 May 2020

Friday 15 May 2020

दिल को छूने वाली कहानी।


विदेश में रहनेवाले बच्चे और उनके माता-पिता जरूर देखें ये वीडियो 

Wednesday 13 May 2020

बस कुछ दिनों की बात है


इस समय  का बहुत लोग अच्छे  से उपयोग  कर रहे हैं। और  ठीक  भी है। 
 जिस  तरह  से  कोरोना  के  मरीज  बढ रहे हैं  उसके लिए  तो  लगता है कि भारत में  करफयू की जरूरत है 

Sunday 3 May 2020

2020

लोग कह रहे हैं कि साल  2020 किसी के लिए भी अच्छा नहीं है ।शायद आप में से भी बहुत से लोगों को ऐसा ही लगता हो। अगर लगता है तो आज के बाद शायद ऐसा नहीं लगेगा। बहुत साल पहले की बात है एक आदमी अपने व्यापार को विदेश तक फैलाना चाहता था। उसने अपने दो होनहार कर्मचारियो को विदेश भेजा। उन्हे कुछ दिन वहां रहकर पता लगाना था कि वहाँ क्या काम  किया जा सकता है। कुछ दिनों बाद दोनों वापस आए तो एक ने कहा कि वहाँ बहुत गरीबी है कुछ भी नहीं किया जा सकता है। लोगों के पास तो चप्पल तक खरीदने के पैसे नहीं हैं। 
दूूसरे ने बताया कि बहुत गरीबी है वहााँ। लोगों के पैैैरों में चप्पल तक नहीं है। मैैंने पता कििया है यहाँ अगर हम कम कीमत पर चप्पल बेेेच पाएँ तो हमारा कारो



बार बहुत अच्छा चल सकता है। बस मालििक ने कारोोबार शुुरू कििया और देेखत ही देेखत एक नाम बन गया। 
फर्क सिर्फ सोच का ही था। हालात दोनों के लिए एक जैसे ही थे। आप भी अच्छा सोचते रहे  अच्छा  ही होगा। 

Saturday 2 May 2020

नजरिया

जब  हम हमेशा ही एक तरह से सोचते रहते हैं तो सही गलत  का फर्क नहीं कर पाते ।कभी-कभी हमें सोच बदलनी चाहिए। जैसे कि जो होता है अच्छे के लिए ही होता है ऐसा सोचना क ई लोगों को  गलत  लगता है।

Friday 1 May 2020

आज की बात

 शाम ढले हर पंछी को घर जाना ही पड़ता है कौन खुशी से मरता है बस मर जाना ही पड़ता है।

सिनेमा जगत के दो महान कलाकारों ने पिछले दिनों में दुनिया  को अलविदा कह दिया है। ये तो  अभिनय के  द्वारा लोगों  का मनोरंजन करते थे। ऐसा  करके वे पैसा कमाते थे। पर हमारे अपने आसपास बहुत ही महान कलाकार होते हैं जिनका हमें पता तब चलता है जब वे हमसे दूर चले जाते हैं। कुछ तारे टूट कर भी लोगों की इच्छा पूरी कर जाते हैं। कुछ तारों की चमक कभी भी फीकी नहीं पड़ती, समय के साथ बढती है। ऐसे सितारे होते हैं हमारे अपने यानी बूढे माता-पिता। सिनेमा जगत में  तो सितारे आते-जाते रहेंगे। इरफान खान और ऋषि कपूर  से तीन दिन पहले एक ऐसे इनसान ने अलविदा कहा जो सिनेमा जगत की अदाकारा  तो नहीं थी पर जीवन में उनका  अभिनय काबिले-तारीफ़ था।उनसे जो एक बार मिल लेता था तो बस उनकी तरह बनना चाहता था। ऐसी शख्सियत की मालकिन  थी वह। सौभाग्य से वह थी मेरी माँ जिसे हम ने एक  सप्ताह पहले हमेशा के लिए खो दिया। जल्दी ही इस सदमे से  बाहर आकर आपके लिए कुछ नए शब्द  लाने की कोशिश  करूंग ी। माँ भी चाहतीं थी कि Show must go on.
कभी अलविदा न कहना। 

Monday 27 April 2020

Akshay Tritiya

आज देश में लोकडाऊन के हालात, अक्षय तृतीया का शुभ दिन और मा की मौत की खबर सुनकर दिल से निकले हुए शब्दों को जोड़कर मां  को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। माँ ने हमें  हमेशा सुख दुःख में एक साथ ही देखा है लेकिन हालात की गम्भीरता को देखते हुए आज उनकी रस्म पगङी में मैं शामिल नहीं हो पाई। हाथ जोड़कर क्षमा चाहती हूँ। माँ के लिए पूरे परिवर की तरफ से शब्दों के श्रद्धासुमन 🙏
बेटी थी वह, औरत थी वह 
पत्नी थी और माँ भी थी वह 
दादी थी वह, नानी थी वह 
और तो और परनानी थी वह। 
               सब कहते हैं अच्छी थी वह 
                काम बहुत ही करती थी वह
               मुझसे पूछे कोई अगर तो
                परियों की एककहानी थी वह
एक शिकायत रहेगी उससे
बिन बोले क्यू चली गई वह
जाना था तो बोल के जाती
सबको कुछ समझाकर जाती
                   जैसे तू देती थी हमको
                   रस्ते का खाना ले जाती
                   बसता रहे घर आँगन उसका
                   जिस आँगन की धड़कन थी वह।
               खिलती रहे उसकी वह बगिया
                     
                   जिस बगिया की मालिन थी वह।

माँ  बस आशीर्वाद देती रहना 🙏😢

Saturday 25 April 2020

बात शिक्षा की

आज कोलकाता में बहुत साफ़ साफ़ इंद्रधनुष दिखाई दिया।कोलकाता की सुबह  और शाम दोनों ही बहुत सुन्दर हो गई हैं।जब से  कोरोना नाम के वायरस का आक्रमण हुआ है तब से बहुत कुछ ऐसा हुआ है जो हम करना चाहते थे। जरा ध्यान से दखिएगा  सब फोटो और सोचिएगा जरूर कि ऐसा  क्या किया जाए जो सब कुछ हमेेशा के लिए ऐसा ही रहे। अगर हम कुछ 

बातों का ध्यान रखें तो ऐसा हो सकता है। इनसान भी बङा अजीब सा जीव है। जब तक कहीं से दबाव न पङे तब तक न ही सुनता है न ही रूकता है। आज भी बहुत से लोग बिना वजह ही बाहर निकल रहे हैं। मौके की नज़ाकत को समझिए। सरकार और प्रशासन को मदद कीजिये। लोकडाऊन हमारी सुरक्षा के लिए ही है। 
आज की सजा कल का मजा 
कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है। 
करना चाहते हैं इसे खत्म 
तो घर रहकर ही लङेगे हम।

Friday 24 April 2020


इतिहास गवाह है कि जब-जब  कोई भी आपदा  आई है तब-तब सबसे ज्यादा प्रभावित समाज का मध्यम वर्ग ही हुआ है।उच्च वर्ग तो हमेशा ही
सुरक्षित रहा है और निम्न वर्ग के लिए सरकार या प्रशासन  बहुत कुछ कर देते हैं।समाज के लोग भी मदद के लिए आगे आते हैं।बेचारा मध्यम वर्गीय बीच में ही फँस जाता है।न ही कोई उसकी मदद करता है और न ही कोई उसकी हालत समझ  सकता है सिवाय एक उसी वर्ग के व्यक्ति के अलावा।किसी ने ठीक ही कहा है कि जिस तन लागे सोई तन जाने।पर मेरा आप सब से निवेदन है कि अगर आप समर्थ हैं और किसी के लिए कुछ करना चाहते हैं तो एक बार एसे लोगो के बारे में जरूर सोचिएगा।यकीन मानिये ये भी एक बहुत बड़ा योगदान होगा देश और समाज की सेवा करने का।

Thursday 23 April 2020

बात आज की

समय  समय पर अपना रंग बदलने वाले लोग आज समय के बदलने से परेशान क्यों हैं।

                       




आज के समय के अनुसार कुछ शब्दों को कविता का रुप देने की कोशिश कर रही हूँ।कोई गलती हो तो माफ़ कीजियेगा अगर हो सके तो गलती बता दीजिएग ताकि मैं उसे सुधार सकूँ।

वक्त की एक खासियत तो सब जानते हैं
कि चलता है चलता है बस चल रहा है
                                               

पर आज वक्त की एक खासियत सामने आई है
कि सबका एक जैसा चल रहा है

क्या अमीर क्या  गरीब सब छिपे बैठे हैं
बाहर तो बस कोरोना ही चल रहा है

क्या ऐसा नहीं लगता कि सब कुछ रुक सा गया है
वक्त का भी तो रंग रूप बदल गया है


चलते चलते वक्त ने एक बात तो  सिखाई है
अपने लिए न सही अपनों के लिए भी रुकना पड़ता है।
           



































सामान्य ज्ञान


आज जो  लङाई हम लङ  रहे हैं वह देश की आजादी की लड़ाई से भी खतरनाक है। इसका कारण यह है कि उस लङाई में दुश्मन सामने था। इस लङाई में दुश्मन अद्रश्य है। पता नहीं कहाँ, कब और कैसे आ जाए इसका पता नहीं चल रहा है।  इसलिए ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।   जहाँ एक तरफ हम इस महामारी से लड़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर इसका प्रभाव आने वाले समय में काफ़ी अच्छा दिखाई देगा जब हम बाहर निकलेंगे तो हर शहर,गली साफ़,नदियाँ साफ सड़कें साफ़ हवा साफ़ और घर का खाना खाने से लोग पहले से ज्यादा सहतमंद दिखाई देंगे।तनाव कम होगा।सबसे बड़ी बात यह होगी कि हमारी संस्कृति वापस लौट आएगी।दूर से ही हाथ जोड़कर प्रणाम करना ,घर का बना भोजन करना।अंत भला तो सब भला।

Tuesday 21 April 2020

एक कहानी सुनो


आज  जो भी  समय है सबका लगभग  एक जैसा ही हाल है। किसी से कुछ पूछने की जरूरत नहीं है। जब समय घर में रह कर ही बिताना है तो अच्छी  तरह बितााइए।घर के लोगो से बाते कीजििए।अच्छी किताबे पढििए।बहुुत कुुछ ऐसा होताहै हमारे जीवन में जो हम समय की कमी के कारण कर नहीं पाते तो मौका मिला है तो पूरा करििए।एक पुुरानी कहावत तो आपने सुुनी ही होगी कि खाली दिमाग शैतान का घर होताहै। खुुुु द को इतना काम में लगा लीजििए कि शैैता न दूूर से ही चला जाए।

सामान्य ज्ञान


Monday 20 April 2020

आज के समय  ने हमें आज़ादी की लड़ाई  की याद दिला दी है। बस तब सामने  दुश्मन अगरेज थे और  आज का दुश्मन है कोरोना।एक बात तब भी थी और आज भी है कि तब भी पूरा  भारत  एक साथ था ,आज भी हम सब एक साथ खड़े हैं। हम तब भी जीते थे और आज भी जीतेगे।एकता में बहुत ताकत होती है। सब लोग अपने अपने  घरों में  रहें  सरकार के  आदेश का पालन करते  रहें। समय जरूर  बदलता है  ।

Sunday 19 April 2020

लोगों को  लग रहा है कि  जल्दी ही  ये लोकडाउन खुले  और  हम बाहर निकले लेकिन  ऐसा नहीं है अभी हमे बहुत  सावधानी बरतनी होगी। जरा सी चूक और हम मुश्किल  में पड़ जाएंगे। इसके अलावा और कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है जैसे कि फालतू खर्च पर भी रोक लगानी होगी ताकि  आने वाले समय में  मुश्किल  न हो।
आने वाले समय में और भी एक समस्या  बङी होकर सामने  आएगी  वह है  पाानी  की समस्या। जितना हो सके पानी के बचाव के तरीके  निकाले वरना  हमें पानी के लिए भी बहुत  कीमत देेनी होगी। कुुछ भी हो अभी  हमें  घर  मे रहना चाहिए। 

Saturday 18 April 2020

कुदरत का सबक

हम सदी की सबसे बङी आपदा के दौर से गुजर रहे है ।जब हम नेचर पर जरूरत से   ज्यादा बोझ डाल देते है तो वह अपने बचाव का रास्ता खुद ही ढूंढ  लेती है। यह भी एक संयोग ही है कि ऐसा हर सौ साल बाद होता है।  ऐसा नहीं है कि लोकडाउन खुलते ही सब ठीक हो जाएगा बहुत समय तक सावधानी बरतनी होगी। आज के समय के अनुसार कुछ बातें हैं जिनका सबको ख्याल  रखना होगा। हो सकता है  कि राशन की कमी हो जाए। अभी  सबसे  जरूरी है घर में  रहना।