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Monday 18 May 2020
Friday 15 May 2020
Wednesday 13 May 2020
Monday 11 May 2020
Sunday 3 May 2020
2020
लोग कह रहे हैं कि साल 2020 किसी के लिए भी अच्छा नहीं है ।शायद आप में से भी बहुत से लोगों को ऐसा ही लगता हो। अगर लगता है तो आज के बाद शायद ऐसा नहीं लगेगा। बहुत साल पहले की बात है एक आदमी अपने व्यापार को विदेश तक फैलाना चाहता था। उसने अपने दो होनहार कर्मचारियो को विदेश भेजा। उन्हे कुछ दिन वहां रहकर पता लगाना था कि वहाँ क्या काम किया जा सकता है। कुछ दिनों बाद दोनों वापस आए तो एक ने कहा कि वहाँ बहुत गरीबी है कुछ भी नहीं किया जा सकता है। लोगों के पास तो चप्पल तक खरीदने के पैसे नहीं हैं।
दूूसरे ने बताया कि बहुत गरीबी है वहााँ। लोगों के पैैैरों में चप्पल तक नहीं है। मैैंने पता कििया है यहाँ अगर हम कम कीमत पर चप्पल बेेेच पाएँ तो हमारा कारो
बार बहुत अच्छा चल सकता है। बस मालििक ने कारोोबार शुुरू कििया और देेखत ही देेखत एक नाम बन गया।
फर्क सिर्फ सोच का ही था। हालात दोनों के लिए एक जैसे ही थे। आप भी अच्छा सोचते रहे अच्छा ही होगा। Saturday 2 May 2020
Friday 1 May 2020
आज की बात
शाम ढले हर पंछी को घर जाना ही पड़ता है कौन खुशी से मरता है बस मर जाना ही पड़ता है।
सिनेमा जगत के दो महान कलाकारों ने पिछले दिनों में दुनिया को अलविदा कह दिया है। ये तो अभिनय के द्वारा लोगों का मनोरंजन करते थे। ऐसा करके वे पैसा कमाते थे। पर हमारे अपने आसपास बहुत ही महान कलाकार होते हैं जिनका हमें पता तब चलता है जब वे हमसे दूर चले जाते हैं। कुछ तारे टूट कर भी लोगों की इच्छा पूरी कर जाते हैं। कुछ तारों की चमक कभी भी फीकी नहीं पड़ती, समय के साथ बढती है। ऐसे सितारे होते हैं हमारे अपने यानी बूढे माता-पिता। सिनेमा जगत में तो सितारे आते-जाते रहेंगे। इरफान खान और ऋषि कपूर से तीन दिन पहले एक ऐसे इनसान ने अलविदा कहा जो सिनेमा जगत की अदाकारा तो नहीं थी पर जीवन में उनका अभिनय काबिले-तारीफ़ था।उनसे जो एक बार मिल लेता था तो बस उनकी तरह बनना चाहता था। ऐसी शख्सियत की मालकिन थी वह। सौभाग्य से वह थी मेरी माँ जिसे हम ने एक सप्ताह पहले हमेशा के लिए खो दिया। जल्दी ही इस सदमे से बाहर आकर आपके लिए कुछ नए शब्द लाने की कोशिश करूंग ी। माँ भी चाहतीं थी कि Show must go on.
सिनेमा जगत के दो महान कलाकारों ने पिछले दिनों में दुनिया को अलविदा कह दिया है। ये तो अभिनय के द्वारा लोगों का मनोरंजन करते थे। ऐसा करके वे पैसा कमाते थे। पर हमारे अपने आसपास बहुत ही महान कलाकार होते हैं जिनका हमें पता तब चलता है जब वे हमसे दूर चले जाते हैं। कुछ तारे टूट कर भी लोगों की इच्छा पूरी कर जाते हैं। कुछ तारों की चमक कभी भी फीकी नहीं पड़ती, समय के साथ बढती है। ऐसे सितारे होते हैं हमारे अपने यानी बूढे माता-पिता। सिनेमा जगत में तो सितारे आते-जाते रहेंगे। इरफान खान और ऋषि कपूर से तीन दिन पहले एक ऐसे इनसान ने अलविदा कहा जो सिनेमा जगत की अदाकारा तो नहीं थी पर जीवन में उनका अभिनय काबिले-तारीफ़ था।उनसे जो एक बार मिल लेता था तो बस उनकी तरह बनना चाहता था। ऐसी शख्सियत की मालकिन थी वह। सौभाग्य से वह थी मेरी माँ जिसे हम ने एक सप्ताह पहले हमेशा के लिए खो दिया। जल्दी ही इस सदमे से बाहर आकर आपके लिए कुछ नए शब्द लाने की कोशिश करूंग ी। माँ भी चाहतीं थी कि Show must go on.
कभी अलविदा न कहना।
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