लोग कह रहे हैं कि साल 2020 किसी के लिए भी अच्छा नहीं है ।शायद आप में से भी बहुत से लोगों को ऐसा ही लगता हो। अगर लगता है तो आज के बाद शायद ऐसा नहीं लगेगा। बहुत साल पहले की बात है एक आदमी अपने व्यापार को विदेश तक फैलाना चाहता था। उसने अपने दो होनहार कर्मचारियो को विदेश भेजा। उन्हे कुछ दिन वहां रहकर पता लगाना था कि वहाँ क्या काम किया जा सकता है। कुछ दिनों बाद दोनों वापस आए तो एक ने कहा कि वहाँ बहुत गरीबी है कुछ भी नहीं किया जा सकता है। लोगों के पास तो चप्पल तक खरीदने के पैसे नहीं हैं।
दूूसरे ने बताया कि बहुत गरीबी है वहााँ। लोगों के पैैैरों में चप्पल तक नहीं है। मैैंने पता कििया है यहाँ अगर हम कम कीमत पर चप्पल बेेेच पाएँ तो हमारा कारो
बार बहुत अच्छा चल सकता है। बस मालििक ने कारोोबार शुुरू कििया और देेखत ही देेखत एक नाम बन गया।
फर्क सिर्फ सोच का ही था। हालात दोनों के लिए एक जैसे ही थे। आप भी अच्छा सोचते रहे अच्छा ही होगा।
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