Monday 27 April 2020

Akshay Tritiya

आज देश में लोकडाऊन के हालात, अक्षय तृतीया का शुभ दिन और मा की मौत की खबर सुनकर दिल से निकले हुए शब्दों को जोड़कर मां  को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। माँ ने हमें  हमेशा सुख दुःख में एक साथ ही देखा है लेकिन हालात की गम्भीरता को देखते हुए आज उनकी रस्म पगङी में मैं शामिल नहीं हो पाई। हाथ जोड़कर क्षमा चाहती हूँ। माँ के लिए पूरे परिवर की तरफ से शब्दों के श्रद्धासुमन 🙏
बेटी थी वह, औरत थी वह 
पत्नी थी और माँ भी थी वह 
दादी थी वह, नानी थी वह 
और तो और परनानी थी वह। 
               सब कहते हैं अच्छी थी वह 
                काम बहुत ही करती थी वह
               मुझसे पूछे कोई अगर तो
                परियों की एककहानी थी वह
एक शिकायत रहेगी उससे
बिन बोले क्यू चली गई वह
जाना था तो बोल के जाती
सबको कुछ समझाकर जाती
                   जैसे तू देती थी हमको
                   रस्ते का खाना ले जाती
                   बसता रहे घर आँगन उसका
                   जिस आँगन की धड़कन थी वह।
               खिलती रहे उसकी वह बगिया
                     
                   जिस बगिया की मालिन थी वह।

माँ  बस आशीर्वाद देती रहना 🙏😢

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