Monday 27 April 2020

Akshay Tritiya

आज देश में लोकडाऊन के हालात, अक्षय तृतीया का शुभ दिन और मा की मौत की खबर सुनकर दिल से निकले हुए शब्दों को जोड़कर मां  को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। माँ ने हमें  हमेशा सुख दुःख में एक साथ ही देखा है लेकिन हालात की गम्भीरता को देखते हुए आज उनकी रस्म पगङी में मैं शामिल नहीं हो पाई। हाथ जोड़कर क्षमा चाहती हूँ। माँ के लिए पूरे परिवर की तरफ से शब्दों के श्रद्धासुमन 🙏
बेटी थी वह, औरत थी वह 
पत्नी थी और माँ भी थी वह 
दादी थी वह, नानी थी वह 
और तो और परनानी थी वह। 
               सब कहते हैं अच्छी थी वह 
                काम बहुत ही करती थी वह
               मुझसे पूछे कोई अगर तो
                परियों की एककहानी थी वह
एक शिकायत रहेगी उससे
बिन बोले क्यू चली गई वह
जाना था तो बोल के जाती
सबको कुछ समझाकर जाती
                   जैसे तू देती थी हमको
                   रस्ते का खाना ले जाती
                   बसता रहे घर आँगन उसका
                   जिस आँगन की धड़कन थी वह।
               खिलती रहे उसकी वह बगिया
                     
                   जिस बगिया की मालिन थी वह।

माँ  बस आशीर्वाद देती रहना 🙏😢

Saturday 25 April 2020

बात शिक्षा की

आज कोलकाता में बहुत साफ़ साफ़ इंद्रधनुष दिखाई दिया।कोलकाता की सुबह  और शाम दोनों ही बहुत सुन्दर हो गई हैं।जब से  कोरोना नाम के वायरस का आक्रमण हुआ है तब से बहुत कुछ ऐसा हुआ है जो हम करना चाहते थे। जरा ध्यान से दखिएगा  सब फोटो और सोचिएगा जरूर कि ऐसा  क्या किया जाए जो सब कुछ हमेेशा के लिए ऐसा ही रहे। अगर हम कुछ 

बातों का ध्यान रखें तो ऐसा हो सकता है। इनसान भी बङा अजीब सा जीव है। जब तक कहीं से दबाव न पङे तब तक न ही सुनता है न ही रूकता है। आज भी बहुत से लोग बिना वजह ही बाहर निकल रहे हैं। मौके की नज़ाकत को समझिए। सरकार और प्रशासन को मदद कीजिये। लोकडाऊन हमारी सुरक्षा के लिए ही है। 
आज की सजा कल का मजा 
कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है। 
करना चाहते हैं इसे खत्म 
तो घर रहकर ही लङेगे हम।

Friday 24 April 2020


इतिहास गवाह है कि जब-जब  कोई भी आपदा  आई है तब-तब सबसे ज्यादा प्रभावित समाज का मध्यम वर्ग ही हुआ है।उच्च वर्ग तो हमेशा ही
सुरक्षित रहा है और निम्न वर्ग के लिए सरकार या प्रशासन  बहुत कुछ कर देते हैं।समाज के लोग भी मदद के लिए आगे आते हैं।बेचारा मध्यम वर्गीय बीच में ही फँस जाता है।न ही कोई उसकी मदद करता है और न ही कोई उसकी हालत समझ  सकता है सिवाय एक उसी वर्ग के व्यक्ति के अलावा।किसी ने ठीक ही कहा है कि जिस तन लागे सोई तन जाने।पर मेरा आप सब से निवेदन है कि अगर आप समर्थ हैं और किसी के लिए कुछ करना चाहते हैं तो एक बार एसे लोगो के बारे में जरूर सोचिएगा।यकीन मानिये ये भी एक बहुत बड़ा योगदान होगा देश और समाज की सेवा करने का।

Thursday 23 April 2020

बात आज की

समय  समय पर अपना रंग बदलने वाले लोग आज समय के बदलने से परेशान क्यों हैं।

                       




आज के समय के अनुसार कुछ शब्दों को कविता का रुप देने की कोशिश कर रही हूँ।कोई गलती हो तो माफ़ कीजियेगा अगर हो सके तो गलती बता दीजिएग ताकि मैं उसे सुधार सकूँ।

वक्त की एक खासियत तो सब जानते हैं
कि चलता है चलता है बस चल रहा है
                                               

पर आज वक्त की एक खासियत सामने आई है
कि सबका एक जैसा चल रहा है

क्या अमीर क्या  गरीब सब छिपे बैठे हैं
बाहर तो बस कोरोना ही चल रहा है

क्या ऐसा नहीं लगता कि सब कुछ रुक सा गया है
वक्त का भी तो रंग रूप बदल गया है


चलते चलते वक्त ने एक बात तो  सिखाई है
अपने लिए न सही अपनों के लिए भी रुकना पड़ता है।
           



































सामान्य ज्ञान


आज जो  लङाई हम लङ  रहे हैं वह देश की आजादी की लड़ाई से भी खतरनाक है। इसका कारण यह है कि उस लङाई में दुश्मन सामने था। इस लङाई में दुश्मन अद्रश्य है। पता नहीं कहाँ, कब और कैसे आ जाए इसका पता नहीं चल रहा है।  इसलिए ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।   जहाँ एक तरफ हम इस महामारी से लड़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर इसका प्रभाव आने वाले समय में काफ़ी अच्छा दिखाई देगा जब हम बाहर निकलेंगे तो हर शहर,गली साफ़,नदियाँ साफ सड़कें साफ़ हवा साफ़ और घर का खाना खाने से लोग पहले से ज्यादा सहतमंद दिखाई देंगे।तनाव कम होगा।सबसे बड़ी बात यह होगी कि हमारी संस्कृति वापस लौट आएगी।दूर से ही हाथ जोड़कर प्रणाम करना ,घर का बना भोजन करना।अंत भला तो सब भला।

Tuesday 21 April 2020

एक कहानी सुनो


आज  जो भी  समय है सबका लगभग  एक जैसा ही हाल है। किसी से कुछ पूछने की जरूरत नहीं है। जब समय घर में रह कर ही बिताना है तो अच्छी  तरह बितााइए।घर के लोगो से बाते कीजििए।अच्छी किताबे पढििए।बहुुत कुुछ ऐसा होताहै हमारे जीवन में जो हम समय की कमी के कारण कर नहीं पाते तो मौका मिला है तो पूरा करििए।एक पुुरानी कहावत तो आपने सुुनी ही होगी कि खाली दिमाग शैतान का घर होताहै। खुुुु द को इतना काम में लगा लीजििए कि शैैता न दूूर से ही चला जाए।

सामान्य ज्ञान


Monday 20 April 2020

आज के समय  ने हमें आज़ादी की लड़ाई  की याद दिला दी है। बस तब सामने  दुश्मन अगरेज थे और  आज का दुश्मन है कोरोना।एक बात तब भी थी और आज भी है कि तब भी पूरा  भारत  एक साथ था ,आज भी हम सब एक साथ खड़े हैं। हम तब भी जीते थे और आज भी जीतेगे।एकता में बहुत ताकत होती है। सब लोग अपने अपने  घरों में  रहें  सरकार के  आदेश का पालन करते  रहें। समय जरूर  बदलता है  ।

Sunday 19 April 2020

लोगों को  लग रहा है कि  जल्दी ही  ये लोकडाउन खुले  और  हम बाहर निकले लेकिन  ऐसा नहीं है अभी हमे बहुत  सावधानी बरतनी होगी। जरा सी चूक और हम मुश्किल  में पड़ जाएंगे। इसके अलावा और कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है जैसे कि फालतू खर्च पर भी रोक लगानी होगी ताकि  आने वाले समय में  मुश्किल  न हो।
आने वाले समय में और भी एक समस्या  बङी होकर सामने  आएगी  वह है  पाानी  की समस्या। जितना हो सके पानी के बचाव के तरीके  निकाले वरना  हमें पानी के लिए भी बहुत  कीमत देेनी होगी। कुुछ भी हो अभी  हमें  घर  मे रहना चाहिए। 

Saturday 18 April 2020

कुदरत का सबक

हम सदी की सबसे बङी आपदा के दौर से गुजर रहे है ।जब हम नेचर पर जरूरत से   ज्यादा बोझ डाल देते है तो वह अपने बचाव का रास्ता खुद ही ढूंढ  लेती है। यह भी एक संयोग ही है कि ऐसा हर सौ साल बाद होता है।  ऐसा नहीं है कि लोकडाउन खुलते ही सब ठीक हो जाएगा बहुत समय तक सावधानी बरतनी होगी। आज के समय के अनुसार कुछ बातें हैं जिनका सबको ख्याल  रखना होगा। हो सकता है  कि राशन की कमी हो जाए। अभी  सबसे  जरूरी है घर में  रहना।